52 वीक ब्रेकआउट स्ट्रैटेजीज
“स्टॉक 52 वीक के नए हाई तक पहुँच गया है। क्या यह इसे खरीदने का सही समय है?” यह एक ऐसा सामान्य सवाल है जो अतीत में कई बार पूछा गया है।
दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ सालों में बोहत सारे एकैडमिक रिसर्च हुए हैं और इनमें से अधिकतर, इशारा करते हैं 52 हफ्तों के हाई तक पहुंचनेवाले स्टॉक्स के हाई मोमेंटम की ओर। यह मोमेंटम इन्वेस्टिंग के सबसे प्रसिद्ध पेपर के इस कोट से समझी जा सकती है।
“The 52-week high price explains a large portion of the profits from momentum investing.
We find that nearness to the 52-week high is a better predictor of future returns than are past returns”
---- The 52-Week High and Momentum Investing - Thomas George and Chuan Hwang, Journal of Finance, 2004.
रिसर्च और डेटा के बावजूद, मैंने ऑब्जर्व किया है कि इन सालाना हाई और लो जोंस में ट्रेडिंग करनेवाले ट्रेडर्स पैसा गंवा देते हैं। कारण क्या है?
इन्टरनेट ट्रेडिंग के आने से पहले 52 वीक हाई और लो वास्तविक होते थे और मार्केट ज़्यादा मोमेंटम के साथ उनके आगे बढ़ता था। लेकिनजैसे-जैसे समय के साथ, और ज़्यादा लोग इस सरल मेथड को अपनाने लगे और इन्फर्मेशन की स्पीड बढ़ी जिसके परिणामस्वरूप अस्थिरता और झूठे ब्रेक आउट्स बढ़े और इसकी ट्रेडिंग की तेज़ी खत्म हो गई।
तो फिर, आज के ट्रेडिंग के माहौल में इन स्टॉक्स की ट्रेडिंग कैसे की जानी चाहिए?
मेथड
यहाँ एक स्टेप बाय स्टेप मेथड दिया जा रहा है जिसे फॉलो करके आप ट्रेड कर सकते हैं।
- 52 वीक के हाई और लो को नियमित स्कैन करें।
मार्केट पल्स एप में ऐसे कई प्री-डिफ़ाइंड स्क़ैन्स हैं जो आपके लिए यह कर सकते हैं। इनके नाम हैं-
- न्यू 52 वीक हाइज़/लोज़
- 52 वीक हाई रेंज
- 52 वीक हाई ऑन इंक्रीज्ड वॉल्यूम
2. हाइज़ और लोज़ तक पहुंचनेवाले स्टॉक्स की अलग-अलग वॉचलिस्ट बनाएँ।
3. स्टॉक के इन लेवल्स को हिट करने के बाद रेंज से पलबैक होने का इंतज़ार करें। 100, 1000 आदि जैसे राउंड फिगर्स को देखें। ये बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और ऐसी मूव्ज़ के दौरान मजबूत रेजीस्तेंस बनते हैं।
4. पिछले स्विंग के हाइज़ और लोज़ के आसपास कंसॉलिडेशन ढूंढें। इसे मॉनिटर करने के लिए आप स्टॉक के सपोर्ट और रेजिस्टेंस ज़ोन का उपयोग कर सकते हैं। एक गहरे करेक़्शन और यह देखने के लिए कि इन लेवल्स पर यह स्टॉक कैसे व्यवहार करते हैं, मैं 20-डे ईएमए या 50-डे ईएमए जैसे डायनामिक सपोर्ट/रेजिस्टेंस ज़ोन का उपयोग करना पसंद करता हूँ। इस कंसॉलिडेशन फेज में 2 से 5 हफ्ते लग सकते हैं।
5. हाल के स्विंग के नीचे एक टाइट स्टॉप लॉस साथ जब बड़े ट्रेंड्स ठहरने लगते हैं तब लॉन्ग पोज़िशन एंटर करें। इनमे से अधिकांश ब्रेक आउता ट्रेडिंग के पहले घंटे में होते हैं तो इस समय चऔकन्ने रहें।
6. अगले 2-3 ट्रेडिंग सेशन्स में यदि स्टॉक 52 वीक हाई के ऊपर ब्रेक आउट करता है तो मोमेंटम आपकी ओर होगा और लाभ तेज़ी से आएगा।यदि नहीं, तो अपने स्टॉप लॉस को ट्रेल करें और अगर आपके स्टॉक्स हिट करें तो एग्जिट कर जाएँ।अनुभवी ट्रेडर्स ब्रेक आउट पर अपनी मौजूदा पोज़िशन्स में जोड़ने पर विचार कर सकते हैं। लेकिन यदि आप अभी शुरुआत कर रहे हैं तो मैं आपको यह करने की सलाह नहीं दूँगा।
7. अधिकांश ट्रेडर्स केवल 52 वीक हाई पर फोकस करते हैं। मेरा सुझाव है कि आप जितना अप साइड ट्रेड करते हैं आपको उतना ही डाउन ट्रेड (52 वीक लो) करना चाहिए। सामान्यतः डाउन साइड में मोमेंटम अपसाइड से ज़्यादा तेज़ होता है।
8. उन स्टॉक्स को चुनिए जिनमें पर्याप्त मात्रा में अच्छे वॉल्यूम्स और अच्छी परिवर्तनशीलता रहती है। अद्रव स्टॉक्स को ट्रेड करना हमेशा जोखिम भरा होता है। मैं खुद को निफ्टी 200 और लिक्विड फ्यूचर्स काउंटर तक सीमित करना पसंद करता हूँ।
केस स्टडीज़
फिगर अबोट इंडिया का चार्ट दिखाता है
जैसा कि आप चार्ट में देख सकते हैं स्टॉक ने 26 जून 2019 को अपने पिछले 52 हफ्ते के 8820 के हाई को तोड़ा। 9000 के हाई को हिट करने के बाद स्टॉक जल्दी से वापस लौटना शुरू कर देता है। इसे 20ईएमए पर पहला सपोर्ट मिलता है और एक नए हाई तक पहुँचने के अपने कुछ हफ्तों के असफल अटेम्प्ट के बाद, कुछ हफ्तों के लिए कंसॉलिडेट हो जाता है। यह 50 ईएमए के पास बढ़ी हुई वॉल्यूम के साथ एक नए हाई के लिए प्रयास करता है। 6 अगस्त 2019 की हाई वॉल्यूम कैन्डल एक 52 वीक ट्रेडर के लिए8439 पर 8278 के स्टॉप लॉस के साथ लॉन्ग एंट्री के लिए एक परफेक्ट एंट्री पॉइंट होता।
नीचे दिया गया फिगर हीरो मोटों को दिखाता है।
यह केस 52 वीक लो के टूटने को दिखाता है। 23 जुलाई 2018 को लो टूटा इसके बाद पहले 20 ईएमए पर पुल बैक करता है और फिर 50ईएमए(2) पर जहां से बड़ी वॉल्यूम के साथ बड़ा ट्रेंड मान लिया जाता है। 11 सितंबर 2018 को 3184 पर 3345 के स्टॉप लॉस के साथ एक शॉर्ट शुरू किया जा सकता था।
कंक्लूजन
आपको यह ज़रूर जान लेना चाहिए कि यह मेथड बहुत फायदेमंद हो सकता है लेकिन इससे सबसे अच्छे परिणाम पाने के लिए कभी कई डीनो तक तो कभी कई हफ्तों तक उच्च स्तर के सुधार की आवश्यकता होगी। आपको अपनी मौजूदा वॉचलिस्टको रोज़ रिव्यू और अपडेट करना होगा। ऐसे स्टॉक होंगे जो आपके क्राइटेरिया में नहीं आएंगे और आपको बिना पछतावे के उन ट्रेडोन को पास करने के लिए तैयार होना चाहिए।
शुभकामनाएँ!